जियोन-ए पूरीे परिवार के साथ मिजोरम की खूबसूरत पहाड़ियों के बीच बटवंग गांव में एक बड़े से मकान में रहते थे। 76 साल के जियोंघाका कई दिनों से बीमार चल रहे थे और घर पर ही उनका ईलाज चल रहा था। हालत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल लाया गया जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। चाना का पूरा परिवार 100 कमरों वाले 4 मंजिला मकान में उनके साथ ही रहता था। परिवार के पुरुष खेतीबारी और पशुपालन कर घर चलाते हैं तो वहीं खाने बनाने और घर की सफाई की जिम्मेदारी महिलाओं की है।
17 साल की उम्र में पहली बार शादी करने वाले चाना की अपना परिवार और बढ़ाने की इच्छा थी, वह कहते थे कि वे शादी करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। साथ ही चाना खुद को भाग्यशाली मानते थे कि उनके पास इतने सारे लोग हैं जो उनका ख्याल रख सकें। उनके निधन की खबर सुन लोग काफी दुखी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जीन-ए चुआंथर संप्रदाय का नेता था। संप्रदाय की स्थापना उनके दादा खुआंगतुहा ने 1942 में मावांगकावन गांव से निष्कासन के बाद की थी। जीन-ए (Mr. Zion-a) के पिता का नाम चना था। जोन-ए-सथाल अपने पूरे परिवार के साथ बकटांग गांव में रह रहा था। यह गांव मिजोरम की राजधानी आइजोल से 55 किमी दूर है।
इसी के चलते मुख्यमंत्री जोरामथांगा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष लाल थनहावला, जोराम पीपुल्स मूवमेंट के नेता लालदुहोमा ने जियोन-आ के निधन पर शोक प्रकट किया है। मिजोरम के सीएम ने कहा 'मिजोरम और बक्तावंग तलंगनुम में उनका गांव पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गया है, और ये इतने बड़े परिवार के कारण ही हुआ।
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